दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी सरकारी योजना के बारे में जो किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर आप किसान हैं या आपके परिवार में कोई खेती करता है, तो यह जानकारी आपके बहुत काम आने वाली है।
समस्या क्या है?
देखिए, पिछले कई सालों से हमारे किसान भाई रासायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। शुरुआत में तो लगा कि यह फायदेमंद है, लेकिन धीरे-धीरे इसके नुकसान सामने आने लगे। मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम होती गई, पानी के स्रोत प्रदूषित होने लगे और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचने लगा। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने एक खास योजना शुरू की है।
परम्परागत कृषि विकास योजना क्या है?
सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) शुरू की है जो पूरे देश में चल रही है। इस योजना का मकसद साफ है – किसानों को जैविक खेती की तरफ लौटाना। जी हां, वही पुरानी परंपरागत खेती जो हमारे दादा-परदादा करते थे, जिसमें रसायन की जगह प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल होता था।
कितनी मिलेगी आर्थिक मदद?
अब आप सोच रहे होंगे कि बातें तो अच्छी हैं, लेकिन फायदा क्या है? तो सुनिए, सरकार तीन साल में प्रति हेक्टेयर ₹31,500 की मदद दे रही है। इसमें से ₹15,000 सीधे आपके बैंक खाते में आएंगे DBT के जरिए। बाकी पैसे से आपको जैविक बीज, खाद, बायो-पेस्टिसाइड जैसी चीजें मिलेंगी।
सोचिए, ₹15,000 नकद और बाकी सामान भी मुफ्त में! यह तो किसानों के लिए बहुत बड़ी मदद है।
किसे मिलेगा फायदा?
खासकर छोटे और सीमांत किसान भाइयों के लिए यह योजना बनाई गई है। अगर आपके पास थोड़ी सी जमीन है और आप जैविक खेती शुरू करना चाहते हैं, तो आपको प्राथमिकता मिलेगी।
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए खास योजना
अगर आप पूर्वोत्तर के राज्यों – असम, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा जैसी जगहों से हैं, तो आपके लिए और भी अच्छी खबर है। वहां के किसानों के लिए MOVCDNER योजना है जिसमें तीन साल में ₹46,500 प्रति हेक्टेयर की मदद मिलती है। इसमें भी ₹15,000 सीधे खाते में आएंगे।
कैसे करें आवेदन?
अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आज ही अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या जिला कृषि अधिकारी से मिलिए। वहां जाकर आवेदन की पूरी प्रक्रिया समझिए और जरूरी कागजात की जानकारी लीजिए।
दोस्तों, जैविक खेती सिर्फ पर्यावरण के लिए ही अच्छी नहीं है, बल्कि लंबे समय में आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद है। रासायनिक खाद पर खर्च कम होगा और फसल की गुणवत्ता बढ़ेगी। तो देर किस बात की? आज ही इस योजना के बारे में और जानकारी लीजिए और अपनी खेती को बेहतर बनाइए।
नोट: योजना की ताजा जानकारी के लिए कृषि मंत्रालय की वेबसाइट देखें या अपने स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।
